PM Vishwakarma Yojana 2025: पीएम विश्वकर्मा योजना 15000 रूपए के नए आवेदन शुरू एक महत्वपूर्ण कदम है जिसे केंद्र सरकार ने विश्वकर्मा समुदाय की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए फिर से शुरू किया है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को प्रोत्साहन देना और उन्हें आधुनिक सुविधाओं से लैस करना है ताकि वे अपने व्यवसाय को और उन्नत बना सकें।
इस योजना के तहत हर वो व्यक्ति जो किसी पारंपरिक रोजगार से जुड़ा है, उसे ₹15000 की मुफ्त टूल किट, कौशल प्रशिक्षण, डिजिटल लेन–देने का प्रोत्साहन, साथ ही ₹3 लाख तक की सस्ती ऋण सुविधा दी जा रही है। 2023 में इसकी शुरुआत हुई थी और अब 2025 में इसे नए रूप में जारी किया गया है।
इस पहल से सिर्फ आज के समय में नहीं बल्कि आने वाले वर्षों में भी पारंपरिक कारीगरों को सशक्त आर्थिक आधार मिले, यही सरकार की मंशा है।
PM Vishwakarma Yojana (पीएम विश्वकर्मा योजना 2025)
PM Vishwakarma Yojana 2025 के अंतर्गत देशभर के युवा और अनुभवी कारीगर जो पारंपरिक रोजगार से जुड़े हैं, उन्हें आधुनिक उपकरण, प्रशिक्षण एवम वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना को विशेष रूप से उन कारीगरों के लिए तैयार किया गया है जो विकासशील तकनीकों के साथ भी अपने पुराने व्यवसाय को बनाए रखना चाहते हैं। योजना में शामिल प्रतिभागियों को डिजिटल लेन–देने और वस्तुनिष्ठ पहचान जैसी सुविधाएं आदि भी दी जाती हैं। PM Vishwakarma Yojana 2025 ऐसे पारंपरिक कारीगरों के लिए वरदान है जो अपने छोटे व्यवसाय को बड़ा करना चाहते हैं। इस योजना के माध्यम से पारंपरिक व्यवसाय में लगे लोगों को आधुनिक टूल किट, वित्तीय सहायता तथा प्रशिक्षण दिया जाता है। 2025 में भी यह योजना पूरी तरह लागू है और योग्य आवेदकों को पूरा लाभ मिलने की व्यवस्था हैं।
Vishwakarma Yojana 2025 Overview
- विभाग का नाम: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय
- योजना का नाम: पीएम विश्वकर्मा योजना
- संचालक: केंद्र सरकार
- वर्ष: 2025
- लाभ: मुफ्त टूलकिट, कौशल प्रशिक्षण, सस्ती ऋण सुविधा
- लाभार्थी: सभी पारंपरिक कारीगर जो योजना के मानदंडों को पूरा करते हैं
- आवेदन माध्यम: ऑनलाइन
- श्रेणी: सरकारी कल्याण योजना
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता मापदंड (Eligibility for PM Vishwakarma Yojana)
इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को कुछ अनिवार्य शर्तें पूरी करनी होती हैं:
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- वह किसी पारंपरिक व्यवसाय में नियमित रूप से कार्यरत होना चाहिए।
- न्यूनतम 18 वर्ष की आयु पूरी होनी चाहिए।
- आवेदक का वार्षिक आय सीमा के अंतर्गत होना चाहिए।
- उसके पास राशन कार्ड व पहचान दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, व्यवसाय प्रमाण इत्यादि होना ज़रूरी है।
पीएम विश्वकर्मा योजना में शामिल व्यवसाय
इस योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक व्यवसायों को कवर किया गया है। इनमें शामिल हैं:
- बढ़ई
- लोहार
- सुनार
- दर्जी
- नाई
- मोची
- कुम्हार
- मूर्तिकार
- नाव बनाने वाले
- टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले
- गुड़िया और खिलौना निर्माता
- सहित अन्य पारंपरिक सुविधाएं प्रदान करने वाले कारीगर
इन व्यवसायों में सर्वोच्च प्राथमिकता उन कारीगरों को दी जाती है जो हाथ से कमाते हैं और उनकी आर्थिक स्थिति नाजुक है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभ (PM Vishwakarma Yojana Benefits)
- पहचान प्रदान करना: योजना के तहत पात्र कारीगरों को मान्यता व पहचान पत्र मिलता है, जिससे उनके व्यवसाय को सरकारी स्तर पर मान्यता मिलती है।
- ऋण सुविधा: पात्र कारीगरों को 6% से 8% वार्षिक ब्याज दर पर ₹3 लाख तक का ऋण उपलब्ध होता है।
- डिजिटल लेन–देने का प्रोत्साहन: डिजिटल भुगतानों को अपनाने के लिए तकनीकी सहायता की जाती है।
- मुफ्त टूलकिट: पारंपरिक व्यवसाय के हिसाब से चुनी गई टूलकिट ₹15000 तक मुफ्त प्रदान की जाती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना में प्रशिक्षण (PM Vishwakarma Yojana Training)
योजना में शामिल लोगों को 8–10 दिनों का औपचारिक प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान उन्हें आधुनिक उपकरणों का उपयोग, बिजनेस मैनेजमेंट और डिजिटल लेनदेन से संबंधित जानकारी दी जाती है। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर योजनाएँ प्रमाणित करते हुए सर्टिफिकेट भी वितरित किया जाता है। साथ ही, प्रतिभागियों को ₹500 प्रति दिन तक आर्थिक सहायता दी जाती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन कैसे करें? (How to Apply for PM Vishwakarma Yojana)
- सबसे पहले आधिकारिक पोर्टल pmvishwakarma.gov.in पर जाएँ।
- नए आवेदक को रजिस्ट्रेशन करना होगा तथा लॉगिन करना होगा।
- आवेदन फॉर्म में व्यक्तिगत जानकारी, व्यवसाय विवरण व दस्तावेज अपलोड करें।
- सभी जानकारियाँ भरने के बाद फॉर्म सबमिट करें।
- अंत में आवेदन का प्रिंट आउट निकाल लें जो भविष्य में काम आएगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
पारंपरिक व्यवसाय से जुड़ने वाले लाखों कारीगर अब आत्मनिर्भर बन चुके हैं। सरकार ने इस योजना को समय-समय पर अपडेट किया है जिससे लाभार्थियों को अधिक और बेहतर सुविधाएं मिलती रहें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से यह योजना पारंपरिक पेशेवरों को अर्थव्यवस्था में सहभागी बनाने का एक मजबूत माध्यम बनी है। यह योजना केवल आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि समाज में पारंपरिक कला और रोजगार को भी मजबूत करती है।