PM Kisan Beneficiary List उन सभी छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक गर्व का पल है जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त करते हैं।
इस सूची के माध्यम से किसानों को उनकी 20वीं किस्त के आवंटन की जानकारी मिलती है। योजना के तहत सालाना ₹6,000 की राशि तीन किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाती है, जिससे उनकी खेती और घरेलू खर्चों में सहायता होती है।
PM Kisan Beneficiary List साबित करती है कि किसानों को समय पर और विश्वसनीय सहायता मिल रही है
PM Kisan Beneficiary List उन किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं। इस सूची के माध्यम से यह तय होता है कि कौन-कौन से किसानों को अगली किस्त मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत किसानों को हर वर्ष ₹6,000 की सहायता दी जाती है, जो तीन बराबर किस्तों में ₹2,000 करके उनके बैंक खातों में जमा होती है।
अब तक 19 किस्तें जारी हो चुकी हैं और सरकार द्वारा 20वीं किस्त जून 2025 के अंत तक भेजे जाने की संभावना है। इस किस्त का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जिनका नाम नई PM Kisan Beneficiary List में दर्ज है और जिन्होंने समय पर ई-केवाईसी पूरी कर ली है। यह योजना किसानों को भरोसा देती है कि उनकी मेहनत का उचित लाभ मिलेगा और वे सरकारी सहायता की गारंटी पर कृषि कार्य कर सकेंगे। सूची का अपडेट होना इस बात की गवाही है कि योजना अखंड रूप से काम कर रही है और लाभार्थियों तक सहायता पहुंच रही है।
योजना का इतिहास और वर्तमान स्थिति
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका उद्देश्य था छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना। वर्ष 2019 से अब तक कुल 19 किस्तें जारी की जा चुकी हैं, जिनमें करोड़ों किसानों को ₹22,000 करोड़ से अधिक की सहायता प्रत्यक्ष रूप में मिली है। 20वीं किस्त जून 2025 में जारी हुई, जिसमें फिर एक बार देश भर के किसानों के बैंक खातों में ₹2,000 जमा किए गए। यह राशि कृषि कार्य को सुचारु बनाए रखने, बीज-खाद व्यवस्था करने या अन्य घरेलू जरूरतों को पूरा करने में उपयोगी साबित हो रही है।
योजना के चलते किसानों को वित्तीय संकट से राहत मिलती है और वे अधिक आत्मनिर्भर बनते हैं। इससे देश की कृषि सुरक्षा भी मजबूत होती है।
योजना की पात्रता मापदंड
PM Kisan योजना केवल उन्हीं किसानों को लाभ देती है जो सरकारी पेंशन, आयकर, या पूर्ण सरकारी नौकरियों से बाहर हैं। पात्रता की मुख्य शर्तें इस प्रकार हैं:
- कृषि भूमि की सीमा कम से कम दो हेक्टेयर होनी चाहिए।
- परिवार के किसी सदस्य को सरकारी पेंशन न मिल रही हो।
- परिवार इनकम टैक्स नहीं देता हो।
- सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए।
इन नियमों से यह सुनिश्चित किया जाता है कि योजना का लाभ वास्तव में बहुत जरूरतमंद किसानों को ही मिले।
ई‑केवाईसी की आवश्यकता
20वीं किस्त प्राप्ति के लिए ई‑केवाईसी (विद्युत केवाईसी) की आवश्यकता है। इसका मुख्य उद्देश्य आधार, बैंक और भूमि रिकॉर्ड का सत्यापन है। ई‑केवाईसी ऑनलाइन राष्ट्रीय पोर्टल पर आधार नंबर और मोबाइल OTP के जरिए या नजदीकी CSC केंद्र पर बायोमेट्रिक सत्यापन से किया जा सकता है। यदि ई‑केवाईसी पूरा नहीं हुआ तो किस्त भेजने में बाधा आ सकती है, इसलिए किसानों को निर्देशित किया गया है कि वे समय पूर्व प्रक्रिया पूरी कर लें।
आवेदन स्थिति की जांच
अगर किसी किसान का नाम योजना की सूची में नहीं दिखाई दे रहा है तो इसका तात्पर्य हो सकता है कि आवेदनपुर्ण नहीं हुआ है या उसमें कोई गलती है। किसान आधिकारिक पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन नंबर या आधार नंबर दर्ज करके स्थिति जाँच सकता है। यदि स्थिति में ‘अस्वीकृत’ दिख रहा हो तो कारण स्पष्ट रूप से उपलब्ध होगा, जिसे सही करके फिर से आवेदन करना होगा।
लाभार्थी सूची में नाम खोजने की प्रक्रिया
स्वयं के नाम की पुष्टि हेतु किसान निम्न तरीके से लाभार्थी सूची देख सकते हैं:
- पीएम किसान की आधिकारिक वेबसाइट पर “Farmers Corner” अनुभाग में जाएं।
- “Beneficiary List” विकल्प चुनें।
- राज्य, जिला, तहसील, ब्लॉक और गांव का चयन करें।
- “Get Report” पर क्लिक करें और सूची में अपना नाम देखें।
- नाम न मिलने पर नजदीकी जन सूचना केंद्र या बैंक शाखा से संपर्क करें।
लंबित किसान क्या करें?
यदि आपका आवेदन लंबित है या रद्द हुआ है, तो आपको तुरंत सुधार कराकर पुन: आवेदन करना चाहिए। यह भी सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता आधार से लिंक है और ई‑केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आवेदन की पुनः समीक्षा के बाद आपका नाम अगली किस्त सूची में शामिल हो सकता है।
निष्कर्ष
PM Kisan Beneficiary List 20वीं किस्त किसानों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को कृषि कार्य जारी रखने में आर्थिक सहारा प्रदान करती है। किसानों को चाहिए कि वे समय रहते ई‑केवाईसी करवाएं और आवेदन स्थिति की नियमित जांच करें। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की मदद से भारत के किसान अब अधिक आत्मनिर्भर और मजबूत हो रहे हैं।