Berojgari Bhatta Yojana: बेरोजगारी भत्ता योजना के फॉर्म भरना शुरू

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Berojgari Bhatta Yojana

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा युवाओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई बेरोजगारी भत्ता योजना एक बार फिर चर्चा में है। यह योजना 1 अप्रैल 2023 को लागू की गई थी, जिसके तहत राज्य के हजारों बेरोजगार युवाओं को हर महीने आर्थिक मदद के रूप में भत्ता दिया गया। इस योजना का लाभ लेकर कई युवाओं ने अपने जरूरी खर्चों को पूरा किया और रोजगार की तलाश में राहत महसूस की।

युवाओं के लिए यह योजना न सिर्फ आर्थिक सहारा बनी, बल्कि उन्हें अपने करियर को आगे बढ़ाने के लिए समय और आत्मविश्वास भी दिया। बेरोजगारी भत्ता योजना ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया और योजना की शुरुआत के बाद से ही इसका असर जमीन पर दिखने लगा था।

बेरोजगारी भत्ता योजना का असली मकसद उन पढ़े-लिखे युवाओं को मदद पहुंचाना था, जो डिग्री लेने के बाद भी नौकरी की तलाश में संघर्ष कर रहे थे। राज्य सरकार ने यह महसूस किया कि जब तक युवाओं को स्थायी रोजगार नहीं मिलता, तब तक उन्हें कुछ आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए ताकि वे अपने खर्चों को संभाल सकें और रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, बेरोजगारी भत्ता योजना की शुरुआत की गई थी।

Berojgari Bhatta Yojana: योजना का उद्देश्य और लाभ

छत्तीसगढ़ सरकार का उद्देश्य इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सहारा देना था ताकि वे नौकरी की तलाश करते समय अपनी जरूरी जरूरतें पूरी कर सकें। योजना के तहत युवाओं को हर महीने ₹2500 की राशि उनके बैंक खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर की गई।

कांग्रेस सरकार के समय शुरू की गई इस योजना को भाजपा सरकार आने के बाद बंद कर दिया गया। 8 नवंबर 2023 को अंतिम किस्त जारी की गई थी, इसके बाद कोई राशि जारी नहीं हुई। अब जबकि योजना के फिर से शुरू होने की उम्मीद है, तो युवाओं को इस पर नजर बनाए रखने की जरूरत है।

बेरोजगारी भत्ता योजना की सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बड़ी संख्या में युवाओं ने इसमें आवेदन किया और सरकार द्वारा तय मापदंडों को पूरा करने के बाद लाभ उठाया। युवाओं ने इस राशि का उपयोग न केवल अपनी दैनिक आवश्यकताओं के लिए किया, बल्कि कुछ ने इस पैसे से प्रशिक्षण कोर्स या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी कदम उठाए।

पात्रता और दस्तावेज

इस योजना का लाभ वही युवा ले सकते थे जो छत्तीसगढ़ के स्थायी निवासी हों, जिनकी उम्र 18 से 35 साल के बीच हो और जिन्होंने मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं पास की हो। इसके अलावा उनके पास कोई आय का स्रोत नहीं होना चाहिए और पूरे परिवार की वार्षिक आय ₹2.50 लाख से कम होनी चाहिए। आवेदन के लिए आधार कार्ड, 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, मूल निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र और पासपोर्ट साइज फोटो की जरूरत होती थी।

इस योजना की प्रक्रिया को सरल रखा गया था ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा बिना किसी परेशानी के आवेदन कर सकें। ऑनलाइन आवेदन प्रणाली ने इस काम को और भी आसान बना दिया था। आवेदन करते समय दस्तावेजों को अपलोड करना और फॉर्म भरना बेहद सरल था, जिससे युवाओं को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़े।

फिलहाल पोर्टल बंद, लेकिन उम्मीद अभी बाकी

वर्तमान में बेरोजगारी भत्ता योजना का पोर्टल बंद है और नए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं। लेकिन यह योजना युवाओं के लिए इतनी उपयोगी रही है कि भविष्य में इसे दोबारा शुरू किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो युवा ऑनलाइन पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन फॉर्म भर सकते हैं।

सरकार बदलने के बाद इस योजना का पोर्टल बंद कर दिया गया था, लेकिन फिर भी युवाओं में उम्मीद जिंदा है कि एक बार फिर से उन्हें यह सुविधा मिल सकती है। अगर भविष्य में योजना फिर से शुरू होती है, तो सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रक्रिया पारदर्शी हो और सभी योग्य युवाओं को इसका लाभ मिल सके।

बेरोजगारी भत्ता योजना को फिर से चालू करने की मांग कई युवाओं और सामाजिक संगठनों द्वारा की जा रही है। वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि जिस प्रकार पहले इस योजना से फायदा हुआ था, वैसे ही अब भी जरूरतमंद युवाओं को इस योजना से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाया जाए।

निष्कर्ष

यह योजना न केवल आर्थिक मदद करती है बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम भी बनती है। इससे न सिर्फ युवाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि राज्य के विकास में भी उनका योगदान सुनिश्चित होता है। छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में जहां ग्रामीण और शहरी युवाओं दोनों को रोजगार की जरूरत है, वहां ऐसी योजनाएं बेहद जरूरी हैं।

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